1) क्या पानी पे लिखी थी मेरी तकदीर मेरे मालिक,..
हर ख्वाब बह जाता है मेरे रंग भरनेसे पहले ही..
2) क़सूर उनका नहीं, जो मुझसे दूरियाँ बना ली हैं,
रिवाज़ ही है ज़माने में, पढ़ी किताबें ना पढ़ने का..!!
3) सारी उम्र गुजार दी हैं मैंने बीच रास्ते,
एक तेरे और तेरी मोहब्बत के वास्ते...
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