Dosti Shayari
ज़िन्दगी हर पल कुछ खास नहीं होती,
फूलों की खुशबू हमेशा पास नहीं होती,
मिलना हमारी तक़दीर में था वरना,
इतनी प्यारी दोस्ती इत्तेफाक नहीं होती।
तुम दोस्त बनके ऐसे आए ज़िन्दगी में,
कि हम ये जमाना ही भूल गये,
तुम्हें याद आए न आए हमारी कभी,
पर हम तो तुम्हें भुलाना ही भूल गये।
ज़िन्दगी के तूफानों का साहिल है दोस्ती,
दिल के अरमानों की मंज़िल है दोस्ती,
ज़िन्दगी भी बन जाएगी अपनी तो जन्नत,
अगर मौत आने तक साथ दे दोस्ती।
दुश्मनों से मोहब्बत होने लगी है मुझे,
जैसे-जैसे दोस्तों को आजमाता जा रहा हूँ।
दाग दुनिया ने दिए ज़ख्म ज़माने से मिले,
हमको तोहफे ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले।
दोस्त होकर भी महीनों नहीं मिलता मुझसे,
उस से कहना कि कभी ज़ख्म लगाने आये।
आप जिसके वास्ते मुझसे किनारा कर गए
आपसे बच कर वही मुझको इशारा कर गए।
तूफानों की दुश्मनी से न बचते तो खैर थी,
साहिल से दोस्तों के भरम ने डुबो दिया।
दोस्ती किससे न थी किससे मुझे प्यार न था,
जब बुरे वक़्त पे देखा तो कोई यार न था।
साथ रहते यूँ ही वक़्त गुजर जायेगा,
दूर होने के बाद कौन किसे याद आयेगा,
जी लो ये पल जब तक साथ है दोस्तों,
कल क्या पता वक़्त कहाँ ले के जायेगा।
तन्हाई सी थी दुनिया की भीड़ में,
सोचा कोई अपना नहीं तकदीर में,
एक दिन जब दोस्ती की आप से तो यूँ लगा,
कुछ ख़ास था मेरे हाथ की लकीर में।
रिश्तों से बड़ी चाहत और क्या होगी,
दोस्ती से बड़ी इबादत और क्या होगी,
जिसे दोस्त मिल सके कोई आप जैसा,
उसे ज़िन्दगी से कोई और शिकायत क्या होगी।
कल न हम होंगे न कोई गिला होगा,
सिर्फ सिमटी हुयी यादों का सिलसिला होगा,
जो लम्हे हैं उन्हें हँसकर बिता ले दोस्त,
जाने कल ज़िन्दगी का क्या फैसला होगा।
उम्मीद ऐसी हो जो जीने को मजबूर करे,
राह ऐसी हो जो चलने को मजबूर करे,
महक अपनी दोस्ती की कम न हो कभी,
दोस्ती ऐसी हो जो मिलने को मजबूर करे।
हम दोस्त बनाकर किसी को रुलाते नहीं,
दिल में बसाकर किसी को भुलाते नहीं,
हम तो दोस्त के लिए जान भी दे सकते हैं,
और तुम सोचते हो हम दोस्ती निभाते नहीं।
हम वो फूल हैं जो रोज-रोज नहीं खिलते,
यह वो होंठ हैं जो कभी नहीं सिलते,
हमसे बिछड़ोगे तो एहसास होगा तुम्हें,
हम वो दोस्त हैं जो दोबारा नहीं मिलते।
हँसी छुपाना किसी को गंवारा नहीं होता,
हर मुसाफिर ज़िन्दगी का सहारा नहीं होता,
मिलते है लोग इस तनहा ज़िन्दगी में पर,
हर कोई दोस्त तुम सा प्यारा नहीं होता।
वो बात क्या करूँ जिसकी खबर ही न हो,
वो दुआ क्या करूँ जिसमें असर ही न हो,
कैसे कह दूँ दोस्त आपको लग जाये मेरी उम्र,
क्या पता अगले पल मेरी उम्र ही न हो।
अंधेरों के लिए कुछ आफताब माँगे हैं,
अपने लिए हमने दोस्त कुछ ख़ास माँगे हैं,
जब भी दुआ में कुछ माँगा है खुदा से,
तो आपके लिए खुशी के लम्हात माँगे हैं।
ऐ दोस्त जब कभी तू बहुत उदास होगा,
मेरा ख्याल तेरे दिल के आस-पास होगा,
दिल की गहराईयों से जब भी करेगा याद,
तुझे हमारे करीब होने का एहसास होगा।
खुशियों का एक संसार लेकर आयेंगे,
पतझड़ में भी बहार लेकर आयेंगे,
जब भी पुकारोगे आप दिल से ऐ दोस्त,
हम खुदा से साँसे उधार लेके आयेंगे।
वो याद नहीं करते हम भुला नहीं सकते,
वो हँसा नहीं सकते हम रुला नहीं सकते,
दोस्ती इतनी खूबसूरत है हमारी,
वो बता नहीं सकते हम जता नहीं सकते।
अपनी दोस्ती का बस इतना सा उसूल है,
जब तू कबूल है तो तेरा सब-कुछ कुबूल है।
मेरे दोस्तों की पहचान इतनी मुशिकल नहीं,
वो हँसना भूल जाते हैं मुझे रोता देखकर।
छोटी-छोटी शरारतों का अंजाम है दोस्ती,
कहे-अनकहे रिश्तों का पैगाम है दोस्ती,
दिन-रात की मस्ती का नाम है दोस्ती,
लेकिन आपके बिना बिल्कुल बेजान है ये दोस्ती।
खुदा ने अगर ये रिश्ता बनाया ना होता,
एक प्यारे दोस्त को मुझसे मिलाया न होता,
ज़िंदगी हो जाती हमारी बिल्कुल वीरान,
अगर आप जैसे दोस्त को पाया न होता।
खुशी की परछाइयों का नाम है दोस्ती,
गमों की गहराईओं का जाम है दोस्ती,
एक प्यारा सा दोस्त है हमारा यहाँ,
उसकी प्यारी सी हँसी का नाम है दोस्ती।
जब भी साथ बिताया वक़्त याद आता है,
मेरी पलकों पर बहते आँसू छोड़ जाता है,
कोई और मिल जाये तो हमें न भूल जाना,
दोस्ती का रिश्ता जिंदगी भर काम आता है।
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