देखिऐ चाँद रात आई है,
साथ खुशीयाँ हज़ार लाई है.....
तुम चले आओ एक लम्हे को,
हम भी माने की ईद आई है....
चाँद भाया है चंद लम्हो को,
जैसे तुमने झलक दिखाई है...
हमने किस्मत अजीब पाई है,
ईद का दिन है..और जुदाई है....
कह रहें है हवा मुझे यासिर.!!!
उसने मेहन्दी अभी लगाई है..
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