वो महोब्बत के सौदे भी अजीब करती है,
बस मुस्कुराती है और दिल चुरा लेती है..
युं तो गलत नही होते अंदाज चहेरों के;
लेकिन लोग... वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है...!!
महसूस कर रहें हैं तेरी लापरवाहियाँ कुछ दिनों से...
याद रखना अगर हम बदल गये तो,
मनाना तेरे बस की बात ना होगी !!
अब हर कोई हमें आपका आशिक़ कह के बुलाता है
इश्क़ नहीं न सही मुझे मेरा वजूद तो वापिस कीजिए ।
मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत इतनी,
जो लोग बात नहीं करते वो प्यार क्या करेंग..
किस किस तरह से छुपाऊँ तुम्हें मैं,
मेरी मुस्कान में भी नज़र आने लगे हो तुम..
हम वही हैं,बस ज़रा ठिकाना बदल लिया है
तेरे दिल से निकलकर अब ख़ुद में रहते हैं
" उन्हे छत पे जाने से मना कर दिया हमने.......
शहर मेँ बेवजह, ईद की तारीख बदल जाती....!!"
झुठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते हैं ,,
तरक्की के बाज़ की उडान में कभी आवाज़ नहीं होती ।
जिन्दगी की हर सुबह कुछ शर्ते लेके आती है।
और जिन्दगी की हर शाम कुछ तर्जुबे देके जाती है।
तेरी वफ़ा के खातिर ज़लील किया तेरे शहर के लोगों ने !!
इक तेरी कदर न होती तो तेरा शहर जला देते..
मंजर भी बेनूर थे और फिजायें भी बेरंग थी,
बस तुम याद आए और मौसम सुहाना हो गया.
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