अपने मुकद्दरका… on June 21, 2015 Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps " अपने मुकद्दरका ये सिला भी क्या कम है… एक खुशी के पीछे छुपे हजारो गम है…. चहेरे पे लिये फिरते है मुश्कुराहट फिर भी… और लोग कहते है, कितने खुशनसीब हम है… " Comments
Comments
Post a Comment