बरसात - Hindi Shayari


बरसात आये तो ज़मीन गीली न हो,

धूप आये तो सरसों पीली न हो,
ए दोस्त तूने यह कैसे सोच लिया कि,
तेरी याद आये और पलकें गीली न हों।"

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