Dosti Shayari

कुछ सालों बाद ना जाने क्या होगा,

ना जाने कौन दोस्त कहाँ होगा...

फिर मिलना हुआ तो मिलेगे यादों में,

जैसे सूखे हुए गुलाब मिले किताबों में. ..."

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