Zameen Jal Chuki Hai on July 14, 2015 Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps " जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है, दरख्तों तुम्हारा इम्तहान बाकी है, वो जो खेतों की मेढ़ों पर उदास बैठे हैं, उन्ही की आखों में अब तक ईमान बाकी है, बादलों अब तो बरस जाओ सूखी जमीनों पर, मकान गिरवी है और लगान बाकी है.." Comments
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