Mil Gaya Tha - Love Shayari

मिल गया था जो मुकद्दर वो खो के निकला हूँ,

मैं वो लम्हा हूँ हर बार रो के निकला हूँ,

मुझे राहे दुनिया में अब कोई भी दुशवारी नहीं,

मै तेरे खंजर के वार से हो के गुजरा हूँ।।" 

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