Ankhon Mein Ashak - Hindi Shayari

आँखों में अश्क लबों पे मुस्कान रखता हूँ

सब बचके निकलते हैं,ये पहचान रखता हूँ,

कोई बुलाता नहीं ख्वाब में भी गम नहीं

अपने सीने में हज़ारों मेहमान रखता हूँ,

यह जमाना जान नहीं पाया है आज तक

मैं अपने किरदार में नेक इंसान रखता हूँ,

नहीं देना कोई सबूत देशभक्ति का मुझको

अपने दिल में हमेशा हिन्दुस्तान रखता हूँ,

नाराज़ ..."

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