Mummy (मम्मी) - Mother's Love


" लेती नहीं दवाई मम्मी ,

जोड़े पाई-पाई मम्मी ।

दुःख थे पर्वत, राई मम्मी

हारी नहीं लड़ाई मम्मी ।

इस दुनियां में सब मैले हैं

किस दुनियां से आई मम्मी ।

दुनिया के सब रिश्ते ठंडे

गरमागर्म रजाई मम्मी ।

जब भी कोई रिश्ता उधड़े

करती है तुरपाई मम्मी ।

बाबू जी तनख़ा लाये बस

लेकिन बरक़त लाई मम्मी ।

बाबूजी थे सख्त मगर ,

माखन और मलाई मम्मी ।

बाबूजी के पाँव दबा कर

सब तीरथ हो आई मम्मी ।

नाम सभी हैं गुड़ से मीठे

मां जी, मैया, माई, मम्मी ।

सभी साड़ियाँ छीज गई थीं

मगर नहीं कह पाई मम्मी ।

मम्मी से थोड़ी - थोड़ी

सबने रोज़ चुराई मम्मी ।

घर में चूल्हे मत बाँटो रे

देती रही दुहाई मम्मी ।

बाबूजी बीमार पड़े जब

साथ-साथ मुरझाई मम्मी ।

रोती है लेकिन छुप-छुप कर

बड़े सब्र की जाई मम्मी ।

लड़ते-लड़ते, सहते-सहते,

रह गई एक तिहाई मम्मी ।

बेटी की ससुराल रहे खुश

सब ज़ेवर दे आई मम्मी ।

मम्मी से घर, घर लगता है

घर में घुली, समाई मम्मी ।

बेटे की कुर्सी है ऊँची,

पर उसकी ऊँचाई मम्मी ।

दर्द बड़ा हो या छोटा हो

याद हमेशा आई मम्मी ।

घर के शगुन सभी मम्मी से,

है घर की शहनाई मम्मी ।

सभी पराये हो जाते हैं,

होती नहीं पराई मम्मी । "

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