Jaise Dhuye Ke Piche

जैसे धुऐं के पीछे से सूरज का चमकना,

घने बादलों के पीछे से चाँद का खिलना,

पंखुडियाँ खोलकर कमल का खिलखिलाना,

वैसे घूँघट की आड से तेरा लाजवाब मुस्कुराना। ..."

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