Sad Shayari हर तन्हा रात में एक नाम याद आता है, कभी सुबह कभी शाम याद आता है, जब सोचते हैं कर लें दोबारा मोहब्बत, फिर पहली मोहब्बत का अंजाम याद आता है। वो तेरे खत तेरी तस्वीर और सूखे फूल, बहुत उदास करती हैं मुझको निशानियाँ तेरी। अब न खोलो मेरे घर के उदास दरवाज़े, हवा का शोर मेरी उलझनें बढ़ा देता है। चल मेरे हमनशीं अब कहीं और चल, इस चमन में अब अपना गुजारा नहीं, बात होती गुलों तक तो सह लेते हम, अब काँटों पे भी हक हमारा नहीं। एक ये ख्वाहिश के कोई ज़ख्म न देखे दिल का, एक ये हसरत कि कोई देखने वाला तो होता। ये वफ़ा की सख़्त राहें ये तुम्हारे पाँव नाज़ुक, न लो इंतकाम मुझसे मेरे साथ-साथ चल के। सिर्फ चेहरे की उदासी से भर आये तेरी आँखों में आँसू, मेरे दिल का क्या आलम है ये तो तू अभी जानता नहीं। कोई आदत, कोई बात, या सिर्फ मेरी खामोशी, कभी तो, कुछ तो, उसे भी याद आता होगा। इक तेरे बगैर ही न गुजरेगी ये ज़िंदगी मेरी, बता मैं क्या करूँ सारे ज़माने की ख़ुशी लेकर। वो चाँदनी का बदन खुशबुओं का साया है, बहुत अजीज़ हमें है मगर पराया है, उसे किसी की मोहब्बत का ऐतबार नहीं, उसे ज़माने ने शायद बहुत सताया है। हमने ते
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